【 RNI-HIN/2013/51580 】
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11 Jan 2022
जनसम्पर्क -life
अखबार की दुनिया मे बेबाकी का सबसे बड़ा कलेजा .
गड्ढे में मिली लाशों पर आदिवासी वोट बैंक के खाते खोलती काँग्रेस को क्या सुबेभर के 23 फीसदी आदिवासियों का मिलेगा समर्थन? क्या लाशों के सहारे 48 विधानसभा सीटों पर विपक्ष की बनेगी मजबूत पकड़??
Anam Ibrahim
7771851163
भोपाल (मप्र): इस मे कोई दोहराहे नही की नेमावर हत्याकांड ने कांग्रेस, जयस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने का अवसर तो दिया ही है साथ ही आने वाले चुनाव तक नेमावर बस्ती के 6 हज़ार बाशिन्दों के दर्द को जिंदा रखने का विपक्ष को ज़रीया भी बना दिया है। बहरहाल नेमावर में जघन्य हत्याकांड वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए नेमावर प्रयोगशाला बन गया है। लिहाजा नेमावर हत्याकांड का पीड़ित ग़रीब आदिवासी परिवार बेसहारा बस स्टैंड के निकट एक छोटे से खस्ताहाल कमरे में निवास करता था उनके जीते जी तो मदद के लिए कोई नही आया लेकिन मौत के मातम पर खुद उद्दोगपति पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उनके घर पहुच गए।
ग़रीब के एक कमरे में नेताजों का जमघट उमड़ पड़ा था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, रुपाली के भाई संतोष और बहन भारती से बात कर उन्हें सांत्वना देकर आए थे। एक तरफ़ हत्याकांड में मारे गए पवन और पूजा की मां नीतू का आज भी रोरोकर बुरा हाल है। तो वही दूसरी ज़ानिब हत्याकांड के सहारे विपक्षी दल सियासी दाल गलाने में कोई कसर नही छोड़ रहा है। न्याय यात्रा के सहारे कांग्रेस ने दो दिन पूर्व से ही सरकार को घेरने की तैयारियां शुरू कर दी थी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के निकट विधायक के आवास पर विपक्ष के विरोधी ख़ेमे ने पीड़ित के द्वारा निकाली जा रही न्याय यात्रा को सियासी अमलीजामा पहनाने के लिए तामझाम बना तो लिया था लेकिन पुलिस तो पुलिस है जिसने लंबे समय से विपक्षी दल के प्रदेश स्तरीय मरकज़ अस्थाई जेल बनाकर रखा हैं। कमज़ोर गुटबाज विपक्ष के सभी हंगामेदार प्रदर्शन कार्यालय के सामने एक हज़ार स्क्वायर फ़ीट में ही दम तोड़ जाते हैं। बहरहाल, आज भी कुछ ऐसा ही मंज़र हुआ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की आगाज़ को ही अंजाम बना दिया। जब जब शिवराज डरता हैं पुलिस को आगे करता हैं - ऐसे नारो के बीच हो हल्ला मोहल्ले के मीना बाजार की तरह एक ही स्थान पर सुकड़ कर रह गया। निर्धन दलितों को आगे करके विपक्ष के कद्दावर नेताओ ने मौन धारण करके अपनी दिखावेदार गिरफ्तारी करवा मामूली मुशायरा लूट लिया जिसमे दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, सज्जन सिंह वर्मा और नवेले विधायक पीसी शर्मा ने बिना लठ खाए खुद ही पुलिस के डग्गे में चुप्पी साध जाकर बैठ गए। जो भी हो मामा है तो मुमकिन हैं।
जल्द पढ़े नेमावर में दस फ़ीट नीचे दफ्न हुई पांच लाशों पर सियासत के जिंदा किस्सों की जमीनी दास्तां। तब तक के लिए बने रहे जनसम्पर्क Life के साथ।
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