भोपाल थाना निशातपुरा
ख़ाकी की खाल में खलनायक की चाल चलने वाले टीआई का दोहरा ख़ुलासा!!!
अनम इब्राहिम
एक और ऑडियो सुनिए और ख़ाकी की आड़ में रिश्वतखोर लूटेरों के चेहरे पहचानिए!!!
क़ानून की कसम अगर ख़ाकी की खाल में छुपे वर्दी को दाग़दार करने वाले भ्रष्टाचारियो के ख़ुलासे पर ख़ुलासे से बखिए न उधेड़ दु तो कहना।
राजधानी में थाने तो अनेक है लेकिन क्या सब जगह ख़ाकीधारी नेक है? इसका जवाब तो सायद ही किसी के पास हो लेकिन हर सवालों के जवाब हमारे पास हैं सुरवात हम भोपाल के थाना निशातपुरा से करते हैं
थाना निशातपुरा के वर्तमान और पूर्व टीआई की साठगांठ लेनदेन रिश्वतख़ोरी का कल तो एक ऑडियो वायरल हो चुका था और आज ये दूसरा ऑडियो आम अवाम की ख़िदमत में पेश करने से पहले
में आप को थाना निशातपुरा के पापों की छुपी हुई हक़ीकत से रूबरू करवाता हूं।
किस तरह टीआई और उसके 5 गुर्गे भूमाफियाओं के साथ मिलकर इलाक़े में प्लाट व मकानों पर कब्ज़ा करवाते हैं?
थाना निशातपुरा इलाक़ा जहां कई कब्जाधारी भूमाफिया दुसरो के प्लाट मकानों पर ज़बरन कब्ज़ा करवाने के मामले में मशहूर है। ज़बरन दूसरों की ज़मीन पर कब्ज़ा करने वाले अपराधी यहां बतौर थाना पुलिस प्रोटेक्शन में काम करते हैं जो टीआई और उसके पांच गुर्गो को हलक तक पैसा पूराकर दुसरो की निजी संपत्ति पर कब्ज़ा करते हैं।
जिस गैरक़ानूनी काम मे टीआई के साथ थाने के 5 पुलिस कर्मियों के भी कुकर्म शामिल है। प्रदेश भर में थाना निशातपुरा ही ऐसा थाना है जहां जिला प्रशासन की तरह ज़मीनी धोखाधड़ी के थोकबंद मामले पहोचते हैं कई बार तो ऐसा महसूस होता है कि ये थाना नही किसी एसडीएम का दफ़्तर है
थाने में!!
संतोष दांगी, तारा सिंह राजपूत, निलेन्द्र परिहार, सतीश भगेल और हेड साहब सतेन्द्र चौबे का गिरोह कब्जाधारियों, अपराधियों और बेकसूरों से वासूली में सक्रिय है
इन सभी नामो के इलाक़े में कारनामों के उधारण अनेक है परन्तु अभी थाना निशातपुरा की चंद भूमि पर रौशनी बिखेरता हूं जहां कब्ज़ा करवाते करवाते अब तक पुलिस के इस गिरोह ने करोड़ो की उगाई करली है।
पहला कीमती ज़मीनी टुकड़ा अयोध्या बायपास पर व्यंजन बार एंड रेस्टोरेंट के सामने का हैं जिस ख़ाली भूमि के स्वामी एक बूढ़ी माँ और उसका सीधा साधा बेटा है जहां लम्बे वक़्त से पुलिस को बीच मे शामिल कर लगातार थोड़े थोड़े टुकड़े पर कब्ज़ा किया जा रहा है सूत्रों की माने तो अब तक इस भूमि से टीआई के गिरोह ने करोड़ो की रक़म की उगाई करली है। मज़े की बात तो ये है कि इस भूमि का ज़मीनी इल्म टीआई के ख़ास संतोष दांगी और तारा सिंह राजपूत को है क्योंकि इसी थाने में टीआई के ख़ास संतोष दांगी को तक़रीबन 15 साल हो चुके है हैरत की बात तो ये है कि पिछले 15 सालों में संतोष का तबादला कहीं भी हो जाये लेकिन 1 से 2 महीने में संतोष दांगी वापस थाना निशातपुरा आ ही जाता है।
निलेन्द्र परिहार और सतीश परिहार के तो तबादले भी हो चुके लेकिन टीआई ने पैसा उगाई के चक्कर मे अब तक सतीश की रावानगी नही होने दी। इन मुक़ामि जानकार ख़ाकीधारी गिरोह के साथ मिलकर टीआई की पैसा उगाई का कारोबार दिन दुगनी रात चौगनी तरक्की कर रहा है सूत्रों की माने तो कुछ वक़्त पहले भी लेनदेन कर टीआई ने कई प्रोपटी पर कब्ज़ा करवाया था अगर उच्चस्तरी जांच हो तो कई रहवासियों का दावा है कि थाना निशातपुरा में ऐसी हज़ारो प्रापटी पर टीआई और उसके गुर्गे अब तक कब्ज़ा करवाकर करोड़ो की उगाई कर चुकें है जब कि ज़मीनी कार्यवाही का अधिकार पुलिस नही जिला प्रशासन के पास होता है परंतु टीआई चैनसिंह अपने थाना इलाक़े में पैसा उगाई के चलते कलेक्टर बन जाते हैं और उनके सिपाही गुर्गे एडीएम एसडीएम तहसीलदार की भूमिका निभाने नज़र आते हैं ! रिंग गार्डन व दर्ज़नो और भी कई उधारण प्लाट मकानों पर कब्ज़ों के मौज़ूद है।
हिंदुस्तान के 3 महानगरों की नशे की मंडी के बाद एमडी- स्मेक पॉउडर ड्रग भोपाल के थाना निशातपुरा इलाक़े में मिलता है!!
सुनकर हैरान होना लाज़मी है कि भोपाल शहर में तमाम ख़ाकी को दाग़दार करने के लिए सिर्फ एक थाना छेत्र का नाम ही काफ़ी है। थाने में टीआई के ख़ास संतोष और तारा अपने आक़ा के इशारे पर नशे के सौदागरो से रक़म उगाई के काम को अंज़ाम देते हैं ये में नही कहता इन दोनों के सरकारी सीयूजी और प्राईवेट मोबाईल नम्बर की कॉल डिटेल बता देगी चरस गांजा अफ़ीम के सौदागर तो छोटी मोटी बात हैं दुनिया का सबसे ख़तरनाक़ नशा भी इन दोनों ख़ाकी के खलनायको की शह पर बिकता है इस बात के सबूत साक्ष के तौर पर एमडी स्मेक पॉउडर की मुख्य सौदागर पायल का ये वीडियो है पायल के साथ जो लड़का बैठा है वो एक आदतन अपराधी इऱफान बड़े है जो हाल ही में दो महीने से फ़रार था पायल के नशे के प्याले में शहर के व हिंदुस्तान के कई बड़े बड़े बदमाश डुबकियां लगाते हैं ज़ुबैर मौलाना से लेकर कई टपोरियों की टोली यहां पन्ह लेती है इस वीडियो में खुल्लमखुल्ला देखिए एमडी स्मेक को ये धंदा भी थाने स्तर के गिरोह की पैसा उगाई का ज़रिया है। स्मेक एमडी पॉउडर 3 हज़ार पांच सौ रुपये का सिर्फ एक ग्राम मिलता है जिस की खरीद फ़रोख़्त का मुख्य स्थान थाना निशातपुरा इलाक़ा है पुलिस और स्मेक के सौदागरो की साठगांठ यक़ीन न आए तो पायल संतोष दांगी और तारा सिंह के मोबाईल नम्बरो की कॉल डिटेल निकलवा लीजिए बात यहीं खत्म नही हो जाती हिंदुस्तान के बड़े बड़े अपराधी थाना निशातपुरा इलाक़े की पनाह में फ़रारी काटने आते हैं !
थाना निशातपुरा इलाक़े से अपराधियों की गिरफ़्तारी करने में हर राज्य की पुलिस ख़ाली हाथ क्यों लौटती है ????
ख़ाकीधारी खलनायको का गिरोह अपराधियों को पनाह देने में महारत हासिल रखता है ईरानियों की मुखबरी करने वाले टीआई के ख़ास संतोष दांगी और तारा सिंह के इल्म में ईरानी डेरे में लोकल और बहार के पन्ह ले रहे सभी अपराधियों की जानकारी मौज़ूद रहती है!
ये कोई कहावत नही हक़ीकत है थाने में दर्ज़ बहारी राज्य की पुलिस की तमाम पिछली आमद को देखा जाए तो ईरानी डेरे के अलावा निशातपुरा थाने के इलाक़े में पनाह ले रहे एक भी आरोपी बहारी राज्य की पुलिस के हत्ते नही चढ़े। बहारी राज्यों की पुलिस जैसे ही निशातपुरा थाने में अपनी आमद दर्ज़ करवाती है वैसे ही ख़ाकी की खाल में छुपे अपराधियों के मुख़बिर नमक का कर्ज़ निभाते हैं ईरानी डेरे में व अन्य स्थानों पर फ़ोन पहुँच जाता है इस का उदहारण कलकत्ता पुलिस मुम्बई क्राइम ब्रांच पुणे पुलिस है जो हर बार अपराधी को पक्की सूचना के तहत पकड़ने आई और अपराधी वास्तविकता में यहीं पाए गए लेकिन अफ़सोस उनकी आमद दर्ज़ करवाते ही अपराधी छू हो जाता था।
जब पुणे पुलिस हैदरु ईरानी और अब्बास को पक़डने आई उस वक़्त भी पहले ही दोनों आरोपियों को आगा कर दिया गया अमन कॉलोनी में ऐसे कई बहारी ईरानी अपराधी टीआई के ख़ास तारा और संतोष की पनाह में फरारी काटते हैं। टीआई को मलाई चटाने वाले क़रीबी कब्जाधारी के साथी रियाज़ मौलाना के 7 गिरफ़्तारी वॉरेंट ज़ारी हैं लेकिन फिर भी रियाज़ मौलाना थाना पुलिस के सामने खुल्ला घूमता है गांधी नगर पुलिस जावेद शराबी को 30 हज़ार उड़ाने के मामले तलास कर रही है तो वहीं जावेद शराबी सुबह 8 बजे से ही कलारी पर पैक लगाते गिरोह के दो लोगो की पनाह में रोज नज़र आ रहा है।
थाने के गिरोह की साठगांठ की भनक मुम्बई क्राइम ब्रांच को भी लग चुकी थी इसलिए जब मुम्बई क्राइम ब्रांच काला ईरानी को दोबारा पक़डने आई तो अपनी आमद थाना निशातपुरा की जगह थाना हनुमानगंज में दर्ज़ करवाकर ईमानदार टीआई सुदेश तिवारी कि मदद से काला ईरानी को दबोचने में सफ़लता प्राप्त की।
अब तक कि हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिश्वतखोर टीआई के राज़दार संतोष दांगी और तारा सिंह ही क्यों???
बहरहाल पिकचर अभी और बाक़ी है और भी रोमांचक ऑडियो और विडिओ के साथ
Coming soon part 3
तब तक के लिए ये दूसरा ख़ुलासे का लुफ़्त उठाइये