अपराध उगलता भोपाल: शहरभर में लगातार हाहाकार, बलात्कार, अत्याचार क्यों?
23 Feb 2021
- अपराध उगलता भोपाल: शहरभर में लगातार हाहाकार, बलात्कार, अत्याचार क्यों?
डीआईजी इरशाद वली से पूछता है भोपाल!...
जनसम्पर्क-life
- -: निर्भयाकांड में हुई फर्जी पुलिसिया कार्यवाही किस अफ़सर की सह पर?
- -: निगम दफ़्तर के डॉन कहे जाने वाले आरोपी क़मर पर किसका करम ?
Anam Ibrahim
राष्ट्रवादी रिपोटर
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भोपाल: जर्दे-गर्दे की पुश्तेनी पहचान रखने वाले भोपाल की इन दिनों संगीन अपराधों की वारदातों से एक अलग ही पहचान बनते जा रही है जहां दिन-रात एक होते ही पुलिस के रोज़नामचे में अनेकों संगीन मामले दर्ज़ हो जाते है अफ़सोस उनमें से कितने बेक़सूरो पर होते है इस का पूरी तौर पर तो पता नही, बहरहाल गरमगोश्त के चकले के कारोबार हथियारों की तश्करी से लेकर चरस, गांजा अवैध शराब, खनन, भूमाफिया व अन्य असामाजिक कारोबार में रह-रहकर इज़ाफ़ा हो रहा है ऐसे में अपराधियों के हौसले बुलंद हो चुके है ऐसा कहना भी उचित नही है क्योंकि अपराधियों के हौसलों को हवा देती खाकी की ही फुकनी है, वैसे इन दिनों आपराधिक समाचारो से शर्मसार होते भोपाल का नाम सुनते ही बाहरी आने वाले लोग राजधानी लगते ही भय से भयंकर भयभीत हो जाते है,अपराध के शिकार होने का ख़ौफ़ खलनायक की तरह अंदर ही अंदर खलता नज़र आता है कभी कच्ची उम्र के गरमगोश्त की तश्करी तो कहीं सम्प्रदायिकता भीड़-बम ,तो कभी हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर भय पसरा कर कर्फ्यू तो कभी झूठी कार्यवाही के खुलासे जो डीआईजी इरशाद वली के पद के दुरुपयोग करने की दास्तां सुनाते हैं, हाल ही पीड़ादायक निर्भया कांड का मामला किसी से छुपा नही जहां बलात्कार होने से खुद को बचाने वाली पीड़िता से ही आरोपी शिनाख़्त नही करवाई गई,अबतक की दर्ज़नो खोजी खबरें दावा करती है कि आननफानन में लीपापोती के चलते आरोपी की जगह किसी और पर मुक़दमा दर्ज़ कर जेल में धकेल दिया गया। खैर, यह अब जांच का विषय है जो कप्तानी की लापरवाही की कलाई को खोलकर रख देता है, तो वही दूसरी तरफ़ निगम दफ़्तर के अतिक्रमण अधिकारी कमर साक़ीब के द्वारा शराब के नशे में बस स्टैंड पर आम परिवार के समान पर कार चढ़ा कर बंदूक दिखाकर डराने का अपराध सामने आया है जिस में अतिक्रमण अधिकारी पुलिसिया पउए डीआईजी की धोस दे कर धमकाता है व खुद ही पुलिस को बुला फ़रियादी पर ही कायमी करवा देता है। बड़े अफ़सोस की बात है क़ानून के मुहाफ़िज़ अगर इसी तरह से अपराध व अपराधियों को सह देते रहे तो लाज़मी है जल्द ही मज़लूम बेक़सूर फरियादियों का क़ानून व्यवस्था से एहतबर उठ जाएगा...
हालांकि मध्यप्रदेस सरकार अपराधों की रोकधाम को लेकर हमेशा चिंतित रहती है। मुख्यमंत्री भी बढ़ते अपराधों को लेकर सख्त है, DGP पुलिसिंग के हिसाब से दूसरे राज्यों की पुलिस के लिए इबरत हैं। सब कुछ प्रदेश सरकार के समंदर में अच्छा सिर्फ़ एक गंदी मछली को छोड़कर क़ानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाती भोपाल डीआईजी की पुलिसिंग पर दर्ज़नो सवाल जिनके जवाब जनसम्पर्क-life ख़बर के खुलासे के जरिए करेगा, तब-तक के लिए बेफ़िक्र रहिए बेख़ौफ़ रहिए क्योंकि आप शिवराज राज में महफ़ूज़ हैं।
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