अख़बार की दुनिया मे बेबाक़ी का सबसे बड़ा कलेजा

【 RNI-HIN/2013/51580 】
【 RNI-MPHIN/2009/31101 】



Jansamparklife.com







साल के पहले सवेरे को सलाम इन्साफ के पहले सूरज को सलाम!

02 Jan 2021

no img


साल के पहले सवेरे को सलाम इन्साफ के पहले सूरज को सलाम!


 _अनम इब्राहिम_ 

_राष्ट्रवादी रिपोर्टर..._ 


 #Anam Ibrahim Journalist

Happy New Year


एक शरारती सर्दी की सर्द रात की बात है बियावान जंगल के ईर्दगिर्द पुलिस ही पुलिस मौज़ूद थी अंधेरी रात में पुलिसिया वाहनों की लाइट जंगल के अंधरे को अंदर तक लम्बा चिर रही थी वाहनों की छत पर दमकती बत्ती आसपास के कई पहाड़ों से भी नज़र आ रही थी सन्नाटेदार काले घनघोर शांत जंगल में पुलिसिया सायरन की आवाज़ गूंज रही थी! और उसी वक़्त बहुत सर्राटे से घने जंगल के अंदर की तरफ जी तोड़ भागती एक काली भैंस को देख मैंने आश्चर्यचकित होते हुए पूछा कि अरे भैंस बहना तुम इतने घने जंगल की तरफ़ क्यों भाग रही हो? तो वो कहने लगी _"अरे अनम भाई एक  पुलिस के  बड़े अफ़सर ने काले हाथी के तस्करों से सुपारी ली है"_ , खेर हैरत के साथ मैने कहा _"अगर अफ़सर काला हाथी ढूंढवा रहा है तो लेकिन तुम क्यों भाग रही हो?"_ भैंस बहना कहने लगी _"अरे भाई अगर मुझे पकड़ लिया तो यह सिध्द करने में सालों लग जायेंगे की मैं काला हाथी नही भैंस हूं_ , खेर भैंस भी भैंस थी ताबड़तोड़ दौड़ती भागती इंसाफ के पहाड़ पर चढ़ गई फिर क्या था?...


जल्द पढ़िए एक हक़ीक़त 

एक दास्तां जिसमे ख़ाकीधारी खलनायक व चंद आस्तीन के सांप मुनाफ़िक़ों की हकीकी कारगुज़ारी और भोलीभाली भैंस की दिलचस्प कहानी..


 Coming soon


 




कहते हैं बुनियादी ईंट अगर टेड़ी रखी जाए तो आसमान तक दिवार टेड़ी ही जाती है, सोच रहा हूं शुरूआती साल के ठंडे-ठंडे गाल पर बोरोलीन लगा दूँ ताकि 2020 की तरह सोतेलेपन से खिंची हुई बेरुखी की दरारें पहले से भर सकू। खैर नफरत की उन झुर्रियों को भरना भी फ़िज़ूल है जिन्हें मुहब्बत के मरहम की आदत नही। बहरहाल मौला ने एक और नए साल में शिरक़त करने का नाचीज़ को मौका दिया है, सोचता हूँ क्यों ना सारी दुनिया की जंग को आज ही लड़ लूँ लेकिन बस यही सोचकर थम जाता हूँ की एक ही दिन में मुक़म्मल काम तमाम कर दिए तो सालभर साला लोग फ़ुरसतिया समझेंगे। खैर इस ख़ानाबदोश ज़िन्दगी को जीने का अंदाज़ अनम का थोड़ा सा जुदा है ज़िन्दगी की ख्वाइशों की क़िताब के चंद पन्ने मोड़कर ज़रूर रखे है मैंने, बस उन्हें दौहराने का अभी इरादा नही है क्योंकि मैं ख्वाइशों के ख़्याल में डूबा नही रहना चाहता। दरअसल मैं एक ज़ज्बात का जिहादी हूँ ज़ुल्म को देखते ही जूझ पड़ना मेरी फ़ितरत में शुमार रहा है। समन्दर के पानी और आँखों के पानी में सिर्फ व सिर्फ ज़ज्बात का फ़र्क़ होता है। एक जज़्बाती ही आँखों के आंसुओं को देख दिल में उतरकर दर्द को भांपने का फ़न रखता हैं। हर एक सच्चे रहम दिल जज़्बाती की आदत होती है कि इंसाफ़ के वक़्त वो सच की तरफ़ खड़ा होकर मज़लूम, कमज़ोर की पुरजोशी से पैरवी करता है ये _"फ़ितरत-ए-ज़ज्बात"_ है। मैने ज़िन्दगी में जब भी हक़ के लिए जंग लड़ी है जंग के मैदान में मैने कभी ये नही देखा की  सामने ज़ुल्म ढहाने वाला कौन है मैरी नज़र तो लश्कर के सबसे पीछे के सिपाही पर होती है कि मुझे सिख़स्त देते देते वहां तक जाना है परवाह नही कोई मेरा सर कलम करदे मुझे सूली पर चढ़ा दे। मैं निष्पक्ष धारदार लफ़्ज़ों के बारूद से बम बना नाइंसाफ़ी पर हमला करता रहूंगा बुराई कितने भी लाबोलश्कर से मैदान में हो परवाह नही अगर मैं बेक़सूर अब के जूझ पड़ा तो तमाशा खड़ा कर दूंगा। मै हक़ पर हूं मैरे हौसलों को तोड़ना इतना आसान नही अगर जिन आस्तीन के सांपों को पर्दाफ़ाश होने का डर है और वो मेरा मुह बंद कर सच मुझ पर क़ाबू पाना चाहते हैं तो उन्हें मेरी सांसे तोड़नी पड़ेगी। ख़ालिस एक मौत ही है जो मुझ पर अब के क़ाबू पा सकती है। अब के मै जब भी हक़ की राह पर दोबारा चलने के लिए खड़ा होऊंगा तो जान हथेली पर नही रखूंगा  बल्की जान हथेली में दबाकर उठूंगा ये सूफियाना ज़िन्दगी है कम्बख़्त नासमझ दुश्मन क्या जाने यहाँ मुझ पर क़ुदरत की लाखों हिफ़ाजतें पहरा देती है, इंशाल्लाह जब तक आगे भी पत्रकारिक्ता करूँगा, निष्पक्ष करूंगा। चाहे वो ज़माने का ज़ालिम बादशाह हो या कोई भी रुस्तम, फर्क नहीं पड़ता! मेरा काम हैं सच की पैरवी करना और हक़ीक़त पर रौशनी डालना। इसके लिए मैरे से अपने क्यों ना रूठने लगे, अरे मियां दिल में क्यों मेरे लिए गुबार रख कर चिंता को चाट रहे हो? यहाँ राहे-मोहब्बत तो हैं ही और साथ मे रास्ता भी हैं नफ़रत का, बस तुम्हे यह तय करना हैं कि हम किधर जाए। नाचीज़ ने तो सीखा हैं मोहब्बत को बाटते रहना और गुमराही पर अपनों को डांटते रहना। बहरहाल साल की पहली नाज़ुक-नाज़ुक नमी से लतपत सूबह मुबारक़ हो।


 ```Wishing everyone a healthy and prosperous new year. Along with me my passion is back with unbiased journalism```

Blog


Latest Updates

No img

यासीन मजिस्ट्रेट पर चाकुओं से हमला करने वालो पर हड़बड़ाहट में हुआ मुक़दमा दर्ज़!!


No img

‘जय श्रीराम’ नारा राजनैतिक है, अब हमे जय सियाराम बोलना चाहिए: दिग्विजय!!


No img

DM ने पत्रकार को भेजा नोटिस तो केंद्र ने कहा यह अतिक्रमण, नई गाइडलाइन के तहत आपको अधिकार नहीं


No img

PM Modi to arrive in Bhopal on 15th November, city beautification being done on full roll


No img

लंबे वक़्त से जंगल मे जिंदा बन्दूक के कारखाने में कैसे दाख़िल हुई मप की बड़वानी पुलिस???


No img

PS शाहजहांनाबाद: लग्जरी बाइक कम कीमत पर दिलाने का झांसा देकर 50 हजार की ठगी


No img

We can't get enough glares out of IPS Krishnaveni Desavatu during the IPS Meet in Capital Bhopal


No img

'Well done Siddharth!'Jabalpur tops in crime control and overall parameters, CM applauds SP


No img

MP: IAS Meena given addition charge of CM pilgrimage scheme & director religious trust


No img

शहर की होटलों में लगातार बलात्कार देहव्यापार मैदानी पुलिस बताए कौन जुम्मेदार?


No img

This is how Bhopal grain trader saves his life from a gun fire in Nishatpura area


No img

Jabalpur police forms SIT to nab bookie who plays satta through online web exchange


No img

औज़ार-कार की पूजापाठ के बाद, क्या मुख्यमंत्री विजयदशमी पर प्रदेश को देंगे कोई सौगात?!!!


No img

रिश्वतख़ोरी का खलनायक ख़ाकीदारी टीआई के लेनदेन का ख़ुलासा!!


No img

Suicide or Murder? Morena police constable's death under mysterious circumstances