सीता माता की मिसाल देने वाले कट्टरवादी विधायक मुफ्ती के खिलाफ क्यों नही अपराध दर्ज़?
17 Feb 2022
सीता माता की मिसाल देने वाले कट्टरवादी विधायक मुफ्ती के खिलाफ क्यों नही अपराध दर्ज़?
Anam Ibrahim
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Hijab Controversy- मालेगांव में हिजाब मामले में मालेगांव (Malegaon) से विधायक (MIM MLA) मौलाना मुफ्ती इस्माइल के खिलाफ अपराध क़ायम करने के लिए खड़ा हुआ विरोधी दस्ता!!
जनसम्पर्क-life
नेशनल न्यूज़ नेटवर्क
*महाराष्ट्र मालेगांव : कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना दिल्ली से महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों (States) में हिजाब के मुद्दे पर चल रहे बवाल ने अब एक अलग मोड़ ले लिया है। हाल ही में हिज़ाब डे बनाते मालेगांव से एमआईएम विधायक मौलाना मुफ्ती इस्माइल के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की लिखित मांग की गई है। विधायक मौलाना मुफ्ती इस्माइल ने हिजाब का समर्थन करते हुए अपनी तक़रीर में उस समय माता सीता का उदाहरण दिया था।
स्थानीय लोगो ने मौलाना मुफ़्ती पर आरोप लगाया है कि विधायक मौलाना के बयान से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस मामले में एड. मंजूषा काजवाड़कर ने मालेगांव के पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत करते हुए मौलाना पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने विधायक मुफ्ती इस्माइल के खिलाफ मामला दर्ज करने की सामूहिक गुहार लगाई है। दरअसल जल्द ही आने वाले समय में मालेगांव के साथ साथ महाराष्ट्र के कई इलाक़ो में महानगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं। शायद यही वजह है कि महाराष्ट्र में हिजाब मुद्दे पर विवादित बयान देने की होड़ लग चुकी है।
*वैसे हिजाबी चश्मा सियासत को अचानक क्यों लग गया है? जाने-*
दरअसल कर्नाटक में उडपी के कुंडापुर इलाके के पीयू कॉलेज में उठी एक चिंगारी ने धर्म के नाम सियासत करने वालो के मुंह मे लफ़्ज़ भर दिए कर्नाटक के कॉलेज में हिजाब पहन कर मुस्लिम लड़कियों को दाख़िल होने से इनकार कर दिया गया था। जिस के चलते राज्य के एक शैक्षणिक संस्थान पर भगवा झंडा फहराए जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होता दिखा । फिर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने अपनी राय देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कुछ प्रभावित शिक्षण संस्थानों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए। बहरहाल बिगड़ते हिजाबी मसले का मुद्दा मालेगांव में भी उठते मिला। स्थानीय एनसीपी के महिला मोर्चे ने इसके लिए गदरनुमा आंदोलन किया। जहां मालेगांव के एमआईएम विधायक मौलाना मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने ‘हिजाब डे’ मनाया। उसके बाद उन्होंने एक विवादित बयानबाज़ी भी कर दी ।
*विधायक मुफ़्ती मौलाना ने क्या विवादित बयान दिया ?*
हिज़ाब डे बनाते हुए एमआईएम विधायक मौलाना मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने कहा कि राम की पत्नी सीता का उस समय उनका अपहरण कर लिया गया था। उन्होंने कई साल दूसरे की कैद में बिताए। लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपनी गरिमा और चरित्र की रक्षा की, उसका मुख्य कारण हिजाब और घूंघट पर्दा था। इसका उदाहरण है कि उनके देवर लक्ष्मण को खड़ी हुई महिलाओं में से सीता को पहचानने के लिए कहा गया। तब लक्षमण ने जवाब दिया कि मैं ने आज तक अपनी भाभी माँ का चेहरा नहीं देखा है। मैं अपनी भाभी को उनके पैरों से पहचान सकता हूं। लक्षमण ने वहां खड़ी महिलाओं के पैरों से सीता को पहचाना। हमारा दावा है कि रामायण और हिंदू धर्म में भी महिलाओं को घूंघट पहनने की आज्ञा दी गई है। आज भी कई हिंदू घरों में महिलाएं सिर पर पर्दा डाल कर औरों के सामने आती हैं। मुफ्ती के इस बयान को लेकर उन पर आपराधिक प्रकरण क़ायम करने की मांग की गई है ।
*मामले के बाद जब हमारे संवादाता ने मुफ़्ती MLA से सवाल किया तो उन्होंने फिर वही बात दोहराई*
कहा कि हमारा दावा है कि रामायण और हिंदू धर्म में भी महिलाओं को घूंघट पहनने की आज्ञा दी गई है। आज भी कई हिंदू घरों में महिलाएं औरों के सामने सर पर पर्दा डाल कर आती हैं। यह मैं आज भी कह रहा हूं।
- मौलाना मुफ्ती मोहम्मद, विधायक, एमआईएम
इस पूरे प्रकरण से पता चलता है कि सम्प्रदायिक तनाव देश के भीतर तब तक नफ़रत की आग में घी झोकते रहेंगे जब तक सियासत करने वालो को एक दूसरे के धर्म मज़हब कास्ट में टांग अड़ाने से ख़िलाफ़ बोलने से रोका ना जा सके देश भर में अमन एकता भाईचारा अमन क़ायम रखने के लिए सरकार को नेताओ के भाषण की सीमाएं तय करनी चाहिए जिससे आपसी मोहब्बत में इज़ाफ़ा हो और नफरत का मुंह काला हो सके! अनम की अगली कलम का इंतज़ार करें और मज़हबी मुद्दों से मिलो का फासला बनाकर रखे बहकावे से बचे फिर देखे अपने इर्दगिर्द शांति सुकून आपसी उल्फ़त के खिलते हुए फूलों को।
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