अख़बार की दुनिया मे बेबाक़ी का सबसे बड़ा कलेजा

【 RNI-HIN/2013/51580 】
【 RNI-MPHIN/2009/31101 】



Jansamparklife.com







सुप्रीम कोर्ट ने बहन और उसके प्रेमी की हत्या के क़सूरवार की मौत की सजा को उम्रकैद में किया तब्दील!

30 Apr 2023

no img

Anam Ibrahim

7771851163 


बहन उसके प्रेमी की हत्या करने वाले मुजरिम भाई के अच्छे आचरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने  सजा-ए-मौत को तब्दील किया उम्रकैद में । भले ही इंसान बहुत सादगी-परस्त बेदाग़ हो लेकिन उसके आचरण पर काले जाले बुने हो तो रहम की निगाह धुंधली सी पड़ जाती है कुछ इसी तरह का नज़रिया  सर्वोच्च न्यायालय का देखने को मिला  क़त्ल के क़सूरवार आपराधिक मानसिकता वाला व्यक्ति नहीं":  कुछ इस तरह के तर्कों पर सुप्रीम कोर्ट ने बहन और उसके प्रेमी की हत्या की वारदात को अंज़ाम देने वाले दोषी व्यक्ति को सज़ा ए मौत की जगह  उम्रकैद की सजा सुना दी ।दरअसल  अदालती फ़ैसले ने मुज़रिम पर दोषसिद्धि की मोहर लगाते हुए मौत की सजा को रद्द कर दिया और जिंदा कालकोठरी की कैद में रहने के लिए दण्ड को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया।

दिल्ली/महाराष्ट्र: मामला कुछ यूं  बिता है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फ़ौजदारी की दफ़ा 302 के तहत   दिगंबर नामक व्यक्ति को दी गई मौत की सजा को कम कर दिया, गौरतलब है कि दिगंबर पर 2017 में अपनी सगी विवाहित बहन और उसके प्रेमी की हत्या करने के ज़ुर्म में मुज़रिम ठहराया गया था । इस ही मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की तीन जजों की बेंच ने कहा कि दोषी आपराधिक मानसिकता या आपराधिक रिकॉर्ड वाला व्यक्ति कभी नहीं था।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, "अपीलकर्ता-दिगंबर को अच्छा व्यवहार करने वाला, मदद करने वाला और नेतृत्व के गुणों वाला व्यक्ति पाया गया है। वह आपराधिक मानसिकता और आपराधिक रिकॉर्ड वाला व्यक्ति नहीं हैं।"

तमाम बुनियादी दलीलों व मौजूदा सबूतिया दस्तावेज़ो को खंगालते हुए अदालत ने दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन मौत की सजा को रद्द कर दिया और इसे आजीवन कारावास में बदल कारावास की कालकोठरी में धकेल दिया। दरअसल  बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष 2021 के फैसले को चुनौती देने वाली एक गुहार भरी अपील पर सुनवाई की गई थी, जिसमें फ़ौजदारी की धारा 302 (हत्या) के तहत मौत की सजा सुनाई गई थी वैसे अदालत के इस फैसले में हत्याकांड को अंज़ाम देने वाले दो दोषी क़रार हुए थे एक दिगंबर और दूसरा उसका साथी मोहन बहरहाल मौत की सजा की माफ़ी के लिए तलाफ़ीनामा अपीलकर्ता दिगंबर के मार्फ़त अदालत के भीतर दाख़िल  किया गया था ज़मीनी जानकारियों की जड़ें हिलाकर देखने से पता चलता है कि मृतका पूजा की शादी जून 2017 में हो गई थी लेकिन पिछले 5 सालो से पूजा का एक गोविंद नामक व्यक्ति के साथ प्रेम संबंध चल रहा था सायद यही वजह थी की पूजा को जुलाई 2017 के आख़िर में अपना वैवाहिक जीवन ख़त्म करने की गरज से घर छोड़ना पड़ा । खेर समय बीतता गया एक दिन दिगंबर पूजा के भाई को  शक हुआ कि पूजा अपने प्रेमी गोविंद के साथ मौज़ूद है । बहन की तलाश में जुटे,  गोविंद से पूजा की उपस्थिति के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की गई  लेकिन गोविंद हर बात पर इनकार जताता रहा ।

उसी दौरान जब एक रात गोविंद का फोन बंद का संकेत देने लगा तो , दिगंबर व मोहन दोनों अपराधी गोविंद के पास जा धमके जहां गोविंद को  पूजा के साथ  पाया तो। फांसी की सजा के अपीलकर्ता ने पूजा को बहला फ़ुसलाकर भरोसा दिलाया  कि वह गोविंद से शादी करने में उसकी मदद करेगा विश्वास में आकर पुजा गोविंद दिगंबर व मोहन के साथ मोटरसाइकिल पर वहां से चले गए।

लिहाज़ा दोषी कुछ ही देर में अपनी मौसी के यहां पहुंच गया जहां मौत की सजा के अपीलकर्ता ने पूजा और गोविन्द को झांसे में लिया और कुछ देर इन्तेज़ार करने का कह अंदर जा खंज़र  छिपाते हुए लौट आया। इस ख़तरनाक कदम को उठाने से पहले, आरोपी-अपीलकर्ता ने पूजा और गोविंद को अलग अलग होने की नाराज़गी जताई  बहोत मनाने के असफल प्रयासों के बाद जब उसकी बात नहीं मानी तो । अपीलकर्ता ने अंदर से छुपाकर लाये दरांती ख़ंजर से   पूजा और गोविन्द दोनों पर  एक साथ हमला कर दिया, हादसे से बेख़बर पूजा व मोहन दोनों की मौत हो गई।

इसके पूर्व निचली अदालत ने दिगंबर और मोहन दोनों को दोषी करार दिया था। दिगंबर ,मोहन को मौत की सजा 

अब आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। लेकिन मौजूदा अर्जी के मारफ़त  अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष ने स्थापित किया था कि मृतक युगल और आरोपी व्यक्ति एक साथ चले गए थे और उसके तुरंत बाद दोनों की मृत्यु हो गई थी।

इसलिए, इस सजा को बरकरार रखा गया।हालांकि, ट्रायल कोर्ट के ज़रिए सुनाई  गई मौत की सजा की वैधता और उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि के संबंध में, शीर्ष अदालत का की सोच थी  कि वर्तमान मामला 'दुर्लभतम से दुर्लभतम' श्रेणी में नहीं आएगा।

आगे इस प्रकरण के संबंध में, अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता का कोई आपराधिक इतिहास अबतक नहीं जाहीर हो सका और वैसे भी अपराध के समय उसकी उम्र सिर्फ 25 साल थी। साथ ही यह भी कहा गया कि प्रोबेशन अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि दिगंबर अच्छे व्यवहार वाले, मदद करने वाले और नेतृत्व गुणों वाले व्यक्ति थे, और वह आपराधिक मानसिकता और आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति नहीं हैं। तमाम बुनियादी जायज़ा लेते हुए कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।

जुर्मे वारदात हत्या ताज़ा सुर्खियाँ खबरे छूट गयी होत


Latest Updates

No img

New twist to be expected in MP’s politics after Narottam-Ajay’s meeting?


No img

MP: Police arrests Husband within 48 hours who murdered his wife and misled police on 100 Helpline


No img

Rajni Nair- Vice Principal of Gandhi Medical’s Nursing College removed from post after student strike in the capital


No img

State’s capital records least voting with 31.47% followed by Jabalpur & Gwalior


No img

Karanataka Governor Gehlot takes a dig at IAS while visiting Madhya Pradesh


No img

Ps Kamla Nagar (Bhopal) : Six Itarsi residents attempt to murder on rented cab driver


No img

Jabalpur police forms SIT to nab bookie who plays satta through online web exchange


No img

Amit Shah to arrive in Bhopal on 22nd April, Collector Lavania in command


No img

Corona cases again increase in major cities of MP, Bhopal-Indore with higher rates


No img

Justice Prashant Kumar Mishra, KV Viswanathan sworn in as Supreme Court judges; top court at full strength of 34


No img

MP Anti-terrorist squad (ATS) in a joint operation with central intelligence agencies detaines around 16 youths allegedly associated with the radical Islamist group - Hizb-Ut-Tahrir (HuT) from Bhopal and Hyderabad


No img

हथियारों की ईबादत, शस्त्र पूजा में मुब्तिला हुई भोपाल पुलिस!!!


No img

2160 EVMs kept in strong room of old jail Bhopal faces short circuit, CCTVs went off


No img

मातृ वंदना योजना आख़िर क्या है? क्या दी प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने जानकारी?


No img

Forest Department's fying squad seizes truck carrying 38 teak ingots from Ashta, accused arrested from Parvaliya