【 RNI-HIN/2013/51580 】
【 RNI-MPHIN/2009/31101 】
14 Nov 2017
अगर आप औरत हैं और सुऱक्षा चाहती हैं तो अपने मोबाईल पर यह ऐप डॉउनलोड कर लीजिये !!!!!
अनम इब्राहिम
डीआईजी संतोष कुमार सिंह महिलाओं के फिक्रमंद मुहाफ़िज़!!!
<strong>मध्यप्रदेश:</strong> भोपाल काल के गाल में समाती महिलाओँ की आबरू अब और भी होगी महफूज़- डीआईजी संतोष कुमार सिंह लगातार महिलाओं को सुऱक्षा का अमलीज़ामा पहनाने में कोशिशों के करिश्मे साबित होते जा रहे हैं। शहर में आमद देते ही संतोष ने नारी सुऱक्षा का घेरा और भी बड़ा कर दिया था। शहर की सुऱक्षा की जुम्मेदारियों को ओढ़ते ही संतोष कुमार सिंह ने नारी सुऱक्षा कवज़ को मज़बूती देने की हरचन्द क़वायद करी है तमाम थानों की खैर-ख़बर लेने के बाद से ही संतोष ने नारी सुऱक्षा का मुक़म्मल जायज़ा ले लिया था और फ़िक्रमन्दी के साथ ही मैदानी जुम्मेदारों को ताक़ीत कर सख्त हिदायतें भी दी थी कि कोई भी फ़रियादी थाने की दहलीज़ पर दाख़िल होतो पहले एफआईआर दर्ज़ की जाए और महिलाओं के मामलों को गम्भीरता से लिया जाए। इतना ही नही डीआईजी भोपाल ने महिलाओं को छेड़छाड़ ज्यादती के शिकार होने से बचाने के लिए नए यंत्रों की आगाज़ WE CARE FOR YOU की शक़्ल में कर डाली थी।
WE CARE FOR YOU का लाभ महज़ भोपाल ही नही दुनियाभर से भोपाल आई हुई हर नारी के लिए भी!!!
राजधानी भोपाल में दिनांक 21.09.2017 को डीआईजी संतोष कुमार सिंह के द्वारा महिलाओ की सुरक्षा को मद्दे नज़र रखते हुए WE CARE FOR YOU का आगाज़ हुआ था। महिलाओ की हिफाज़त का लिहाफ़ बन WE CARE FOR YOU गैंग रेप से पहले ही शहर ओढ़ चूका था लेकिन इत्तेफ़ाक देखिए नारी सुरक्षा के पुलिसिया दर्ज़न भर औजारों के मौजूद होने के बावजूत भी गैंग रेप पीड़िता व चंद प्रताड़ित महिलाएं इसका लाभ नहीं ले पाई। खता किसकी हैं, यह तो वो ही बात हो गयी दवा सामने रखी थी और मर्ज़ बढ़ता जा रहा था लिहाज़ाWE CARE FOR YOU औरतों के लिए सुरक्षा का एक ऐसा मजबूत जाला हैं जिसे कतर पाना वहशियों के लिए जबड़े के दाँत तोड़ने जैसा हैं। शहर के अंदर मौजूद दस-दस नोडल पॉइंट नारी रक्षा के लिए तैयार किये गए थे और तीस दो पहिया वाहनों पर साठ महिला पुलिस सुबह से लेकर रात तक नारी पीड़ा को गली मोहल्ले में तलाशती फिंरती हैं। तीन-तीन चार पहिया वाहन तमाम शहर में नारी के दर्द का मरहम बन भटकते रहते हैं और हमेशा उन छेड़छाड़ की पीड़ित महिलाओ के फ़ोन का इंतज़ार करता हैं और यह दोनों नंबर भी शहर की औरत को सुरक्षा का अमली जामा पहनाने के लिए बतौर नारी सेवक के रूप में हमेशा चालु रहते हैं। अफ़सोस तमाम सोहलियतों के मौजूद होने के बाद भी हादसे हो रहे हैं, इसके जिम्मेदार खाली वो गैर-जिम्मेदार पुलिस अधिकारी ही नहीं साथ साथ वो लापरवाह नारी भी हैं जो वक्त से पहले अपने इर्द-गिर्द सुरक्षा का दायरा नहीं बांधती बल्कि हादसा गुज़र जाने के बाद पुलिस को जिम्मेदार ठहराती हैं। अब हर एक घर से निकलने वाली लड़की के साथ एक एक सिपाही तो नहीं रह सकता, हाँ लेकिन लड़की चाहे तो इन सारी सुविधाओं का लाभ लेकर पुरे पुलिस महकमे के साए को घर से बाहर निकलते ही सुरक्षा के लिए साथ लेकर जा सकती हैं। ऐसा नहीं हैं की जब महिलाओ के साथ हादसे होते हैं तभी पुलिस हरकत में आती हैं अगर ऐसा होता तो हादसों के पहले इतने सारे सुरक्षा के इंतज़ामों को शहर में परोसा नहीं जाता। बहरहाल, अब एक ओर ज़बरदस्त कोशिश नारी हिफाज़त के लिए एप की शक्ल में डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने महिला सुरक्षा के लिए बनाई हैं।
सभी मोबाइल चलाने वाली माँ बहनो से दिली गुज़ारिश हैं की अपने मोबाइल में इस ऐप को डाउनलोड कर खुद को सुरक्षा के घेरे में लेकर अपनी आबरू को मेहफ़ूज़ करे।
एप स्कूल कॉलेज इंस्टिट्यूट वर्किंग वूमेन व घरेलू महिलाओ के लिए अलादीन के चराग़ के मानिंद हैं जिसको मुसीबत में क्लिक करते ही आप जहां भी हो पुलिस जीन की तरह आपकी हिफाज़त के लिए मौके पर आपके पास आ खड़ी होगी। यह एप बहुत ही आसान हैं नारी सुरक्षा में कार्य करने वाले NGOs संघठनो व स्कूल कॉलेज एवं कोचिंग के संचालको को खुद ही इसे हर छात्रा के मोबाइल में सामने रहकर डाउनलोड करवाना चाहिए। मेरी बहनों और प्यारी-प्यारी स्त्रियों हमारी आबरू की हिफाज़त का पहला जिम्मा हमारा खुद का हैं बस मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर आगाज़ कीजिए बाकी आपकी सुरक्षा को अंजाम तक पुलिसिया इंतेज़ाम महफ़ूज़ रखेंगे।
एप की खास बातें:-
1. किसी भी प्रकार का खतरा/रिस्क महसूस होने पर "DANGER" बटन पर एक क्लिक से कर सकेंगे पुलिस को कॉल और उसके साथ ही लोकेशन सहित एसएमएस.
2. इसके साथ ही दो गार्जियन जिनके मोबाइल नम्बर आप सेव करेंगे, उन्हें भी उसी क्लिक से लोकेशन सहित SMS हो जाएगा.
3. यह app google play store से फ्री डाउनलोड किया जा सकता है.
4. App के फक्शन के लिए मोबाइल को केवल नेटवर्क एरिया में होना चाहिए, जिसके माध्यम से कॉल और SMS भेजे जा सकेंगे.
5. यह SOS app है, एक खास उद्देश्य के लिए बनाया गया है. जो छोटी साइज का है जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है.
6. इसमें आने वाले कॉल और sms पर रेस्पोंस के लिए पुलिस कंट्रोल रूम में स्पेशल सेल बनाया गया है. सेल के पर्यवेक्षक समीर यादव ASP ZONE 4 रहेंगे, और इंस्पेक्टर मनोज बैस के साथ 3 अन्य पुलिस कर्मी सेल में तैनात रहेंगे जो संबंधित थानों और मोबाइल्स को पीड़ित तक तत्काल रेस्पोंस करायेंगे.
एप को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करे-wsafety* -------------------------- भोपाल पुलिस
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