【 RNI-HIN/2013/51580 】
【 RNI-MPHIN/2009/31101 】
28 Nov 2019
अनम इब्राहिम
मदरसा बोर्ड के स्थापना दिवस पर बीजेपी का हो हल्ला कैसा?
मुल्क़ भर के मुक़म्मल मदरसे लगभग एक दशक से धीरे-धीरे नियमों की कैद में जकड़ते जा रहें है। ईल्म के इन आशियानों पर बार बार बदनामी की दाग़दार बूंदें छिड़की जा रही हैं। मज़हबी तालिमगाहों का तमाशा बना सियासत गरमाई जा रही है धार्मिक पाठशालाओं में दखलअंदाज़ी कर ज़बरन मज़हब से परे उसूलों में बांध मदरसों को बेड़ियों में जकड़ा जा रहा है आड़े दिन राजनीतिक और असामाजिक संगठनों की शरारत सियासत और षड्यंत्रों के शिकार होते मदरसे मोहताज़गी के शिखर पर पहुँचते जा रहे हैं। यूपी महाराष्ट्र बिहार छत्तीसगढ़ उत्तराखंड में तो थोकबंद मदरसे आकरण ज़ोर ज़्यादती की चपेट में आ चुके हैं लेकिन अन्य राज्यो की तुलना में मध्यप्रदेश के मदरसों के हाल देखने के बाद आप को यह एहसास होने लगेगा कि यहां के मदरसे जुल्म ज़्यादती के तो कम शिकार हैं लेकिन यहां मदरसो की मोहताजगी ख़स्ता हालत किसी से छुपी भी नही है।
मज़हबी इलमगाहों को सियासी निगाहों ने नजाने कितने नस्तर चुभाए है
वैसे तो मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड़ के कागज़ी दस्ते में मदरसे (धार्मिक पाठशालाएं) हज़ारो की तादात में नामज़द दर्ज़ है उनमे से कई मदरसे सिर्फ़ नाम में ही जिंदा हैं तो कुछ पैसा उगाई के ज़रिए बने हुए हैं तो कुछ की पुश्तैनी परम्परागत परवरिश हो रही हैं जो बाहर से काफ़ी हद तक मजबूत दुरुस्त नज़र आते हैं लेकिन अंदर से उसके इन्तेज़ामत भी कंगाली के चलते खोकले होते चले जा रहें है।
प्रदेशभर के मदरसों के तलबा (छात्र) स्कूली शिक्षाओं से अब तक वंचित क्यों?
एक तरफ़ सूबे की सरकार शिक्षाओं को प्राप्त करने पर पुरज़ोर जोर दे अपनी ही पीठ थपथपाने में मग़रूर हुए जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ़ अमन एकता के पाठ पढ़ाने वाले मज़हबी मदरसों के लाखो छात्रों की स्कूली शिक्षाओं की जवाबदारी से सिरे से पल्ला झाड़ते जा रही है।
कौन पड़ता है मदरसों में?
वैसे तो मदरसों में तलबाओं (छात्रों) के दाखले मज़हबी तालीम (शिक्षा) हासिल करने की गरज़ से होते हैं जहां मुक़म्मल शिक्षा के बाद धार्मिक डिग्रियां भी हासिल होती है जिन डिग्रियों (सनद) को पाने के बाद मज़हबी अलग अलग औहदा मिलता है जैसे आलिम, हाफ़िज़, क़ारी, मुफ़्ती इन मदरसों में ज़्यादातर दाख़िले लेने वाले मुस्लिम समाज के वो ग़रीब निर्धन माँ बाप के बच्चे होते हैं जो मुस्लिम आर्थिक एहतबार से कमज़ोर हैं जो अपने बच्चों का पालनपोषण करने में असक्षम है वो लोग अपने घर के नन्हे चिरागों को इल्मगाहो में भर्ती करवा देते हैं।
मुल्क़ के अंदर मदरसों की हिफ़ाजत में अव्वल स्थान पर मध्य्प्रदेश मदरसा बोर्ड !!
अगर कोई खाली यह पूछे की हिंदुस्तान में सबसे ज़्यादा महफूज़ मदरसे किस राज्य में आते हैं तो मुझे मध्य्प्रदेश का नाम लेने में कोई एहतराज नही होगा क्योंकि मध्यप्रदेश के मदरसों की हालत अब ख़ुद ऐसी हो चुकी है जिसे देख कर खुद नुक़सान पहुचाने वालो को ही तरस आ जाता है वो मदरसों की मोहताज़गी के मंज़र को देख तरस खा खुद ही पीठ फेर लेते हैं!
चंदे पर चलने वाले मदरसों के बोर्ड के स्थापना दिवस पर सरकार का कैसा जश्न?
बड़ा अजीब लग रहा है लिखते हुए शासकीय सुविधाओ से वंचित मदरसे जिनका पालन पोषण सफ़िरो के द्वारा 10 बीस रुपए के सड़को पर किए गए चंदे से चलता है सरकार उन मदरसों के नाम पर भी मुशायरा लूटने से बाज़ नही आ रही है जिस सरकार को लाखों मदरसे में पड़ने वाले तलबा छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध करवाना चाहिए था वो सरकार उन्ही मदरसों के दस पांच रुपए के चंदे हासिल हुए मदरसों के पेसो से आज मध्य्प्रदेश मदरसा बोर्ड के स्थापना दिवस का चंदे के पैसों से चंदा उगाई कर कार्यक्रम करवा रही है।
क्या हैं यह मदरसे?
तमाम मस्ज़िदे अल्लाह के घर है और मदरसे नबी (सल्ल) के घर है जो दुनियाभर में इंसानियत के सबसे बड़े कारख़ाने है जहां मज़हबी रौशनी में मानवता के वो पाठ पढ़ाए जाते हैं जिस से जीवन जीने का सलीका हासिल होता है अच्छे और बुरे की समझ मिलती है गुनाहों से बचने की नसीहत मिलती है अच्छे कामो पर डटे रहने की हिम्मत मिलती है जहां छात्र ज्ञान हासिल कर के गुमराह लोगो की हिदायतों के ज़रिए बनते है जहां असला बारूद हथियारों के ज़ख़ीरे नही बल्कि चन्द पवित्र किताबें होती है और लकड़ियों की वो रियाल मौज़ूद होती है जिसपर मज़हबी किताबो को रख छात्र चटाइयों पर ईल्म हासिल करते हैं जहां पढ़ाने वाले उस्तादों की ज़िन्दगियों को देखा जाए तो वो बहुत मालदार होते हैं उनके पास जो माल और जो ख़ज़ाने मौज़ूद है वो ज्ञान ईल्म की बेशक़ीमती दौलत है वरना दुनियावी माल तो उनके पास इतना भी नही होता कि वो दो वक़्त के खाने के बाद अपनी जायज़ जरूरतों को पूरा कर सके। मदरसों की आर्थिक तंगी की महज़ यही वजह है कि आज दो राहों पर मदरसे संचालित हो रहे हैं एक वो छोटे मदरसे है जो दिन में बतौर बच्चों को शिक्षा देकर घर रवाना कर देते हैं तो दूसरे वो मदरसे हैं जहां तलबाओं (छात्रों) के तआम क़याम का इन्तेज़ाम होता है मतलब खाने और सोने की व्यवस्थाएं उपलब्ध रहती है जिनके खाने पीने के इन्तेज़ाम सरकार नही करती बल्के मदरसों के निगेहबान सफ़िरो की टोली करती है जो इन बच्चों के खाने रहने के अखराजात चंदे की शक़्ल में कभी मस्जिदों में एलान कर के चिल्लर जमा करती है तो कभी मुस्लिमो की छोटीमोटी दुकानों से दस पांच रुपए का चंदा जमा कर के पूरा करती है अफ़सोस ऐसे तंग हालातो में भी कौम के मुफ़लिस बच्चों की परवरिश करने वाले मदरसों को तोहमतों का शिकार होना पड़ता है मदरसों पर उंगलियां उठाने वाले लोगो से मेरी अपील है कि वो पहले इन मदरसों में थोड़ा वक़्त गुज़ार कर आएं मेरा दावा है कि मदरसो की मुफलिसी को देख उनकी भी आंखे दर्द से नम हो जाएंगी।
शिवराज वज़ीर-ए-आला से मेरी अपील
अगर आप मदरसो पर सियासत करना ही चाहते हो मदरसो को नियमो की बेड़ियों में जकड़ना ही चाहते हो तो मदरसों की इयादत और मदद भी करो अगर वास्तविकता में मदरसे के तलबाओं (छात्रों)को ईनाम ही देना चाहते हो तो हर मदरसे में स्कूली शिक्षा की सुरवात कीजिए मदरसे के बच्चों के लिए रहने खाने के भी इन्तेज़ाम कीजिए उनकी योग्यताओं को निखारने के लिए नए आयोग का गठन कीजिए मदरसे के क़ाबिल बच्चों को चयनित कर उच्चस्तरीय शिक्षा हासिल करवाने के लिए योगदान दीजिए जिस से मदरसो के तलबा बड़े होकर धार्मिक औहदे हाफिज़, क़ारी, आलिम, मुफ़्ती के साथ साथ डॉक्टर इंजीनियर वक़ील भी बन सके तब हम समझेंगे की आप की सरकार मदरसो की हिमायती है वरना ग़रीब बच्चों के लिए गली मोहल्ले से बटोरी हुई चिल्लरों को नोच प्रोग्राम करवाकर आप की सियासत और भी टुच्ची साबित जाएगी।
मध्यप्रदेश सियासत राज्य मुख्यमंत्री
मीडिया एंकर पर छिड़ी पत्रकारों में दोहरी सियासत!
सफ़ल रहा इंदौर पुलिस कमिश्नर प्रणाली में आज जनसुनवाई का दिन!
औरत के विधवा होने का फायदा उठा शादी का झांसा दे बलात्कार करने वाले पर मुक़दमा दर्ज़
Rewa: Man beaten mercilessly over suspicion of theft with belts in the police station
Vaccination in private hospitals at Rs 250, 12000 government hospitals and primary health centers to vaccinate free of cost
क्या सच में केजरीवाल की आतंकवादियों से घनिष्ठ मित्रता है??
Restaurant fined with 20k for delivering Chicken curry instead of mutter Paneer in Gwalior
अज्ञात अपहरणकर्ता ने नाबालिक को बहला फुसलाकर किया अगवा!!
While the CM called the State's road alike to roads in America, this is what the roads of the Capital Bhopal have turned to
MP Police Headquarters seeks report of criminal cases against 129 police officers, SPs issued letters
Heavy rain washes away bridge constructed few days ago, unveils corruption
थाना शाहजहानाबाद, बेदाग़ सफ़र था दांगी का!!
क्या PFI पर भी सरकार SIMI की तरह कसेगी नकेल!!
ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाएगी राज्य सरकार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल में पहली बार ट्रांसफर से बैन हटेगा
Madhya Pradesh CM Along With Cabinet To Watch 'The Kerala Story' 16 May Evening
Total Visitors :- 384651